कतरा कतरा तुझ पे न्योछावर हो जाये मेरे खून का तब भी कोई गम नहीं
मेरे हर एक सांस तुझे फिर बचाने में लग जाये तब भी कोई गिला नहीं
जीवन दान कर दूँ तेरे लिए ये भी कोई बड़ा बलिदान न होगा
क्योंकि हर रोज प्रार्थना करते ये ही तो बोलते हैं हम...
तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा
ॐ जय जगदीश हरे.....
फिर अपनी बातों से पीछे क्यूँ हटना???
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