मैंने पूछा कि ये सड़क क्यूँ
सालों से नहीं बन रही ?
उस ने कहा चुप रहो, वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हें सड़क की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
उस ने कहा चुप रहो, वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हें सड़क की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
मैंने पूछा लाखों बच्चे
स्कूल क्यूँ नहीं जा पा रहे ?
उस ने कहा चुप रहो वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हे बच्चों के स्कूल की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
उस ने कहा चुप रहो वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हे बच्चों के स्कूल की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
मैंने पूछा लाखों युवा बेरोजगार
क्यूँ हैं ?
उस ने कहा देशद्रोही कहीं के चुप हो जाओ, वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हें युवाओं की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
उस ने कहा देशद्रोही कहीं के चुप हो जाओ, वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुम्हें युवाओं की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
मैंने पूछा माजरा क्या है
कि अपने ही देश में हम सुरक्षित नहीं हैं ?
उस ने कहा कि खामोश ,वहां सीमा पे जवान मर रहे और तुम्हें खुद की सुरक्षा की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
उस ने कहा कि खामोश ,वहां सीमा पे जवान मर रहे और तुम्हें खुद की सुरक्षा की पड़ी है |
मैं चुप हो गया ||
मैंने जानना चाहा कि देश
में इतना भ्रष्टाचार क्यूँ है ?
उस ने कहा तू राष्ट्रद्रोही है ,वहां सीमा पे जवान मर रहे और तुम्हें भ्रष्टाचार की पड़ी है |
और मैं इस बार भी चुप हो गया |
उस ने कहा तू राष्ट्रद्रोही है ,वहां सीमा पे जवान मर रहे और तुम्हें भ्रष्टाचार की पड़ी है |
और मैं इस बार भी चुप हो गया |
मैंने कहा इतने बड़े बजट के
बाद भी सीमा पे जवानों को सही खाना क्यूँ नहीं मिल रहा ?
उस ने कहा चुप हो जा वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुझे उन के खाने की पड़ी है ?
मैंने कहा भाई मेरा सवाल भी तो वही है कि क्यूँ सीमा पे जवान भूखे पेट मर रहा है?
उस ने फिर कोई जवाब नहीं दिया .....
और मुझे देशद्रोही का सर्टिफिकेट जारी कर दिया ||
उस ने कहा चुप हो जा वहां सीमा पे जवान मर रहे हैं और तुझे उन के खाने की पड़ी है ?
मैंने कहा भाई मेरा सवाल भी तो वही है कि क्यूँ सीमा पे जवान भूखे पेट मर रहा है?
उस ने फिर कोई जवाब नहीं दिया .....
और मुझे देशद्रोही का सर्टिफिकेट जारी कर दिया ||