बढ़ता जाता है प्यार तुझ से ....
जब भी नफरत करने को दुनिया मुझे कहती है ....खो जाता हूँ तेरी अच्छाइयों में ....
जब भी दुनिया बुराई मुझ से तेरी करती है .....
मुझे मालूम है .....मालूम है मुझे ....
मजबूर है तू मुझ से ज्यादा ....
दिखाती है दुनिया को की नफरत है मुझ से ....
पर दिल ही दिल में बेइन्तहा प्यार सिर्फ मुझ ही से करती है .....
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